सच में भूतिया जगह है महाराष्ट्र का शनिवाड़ा जहां हुई थी बाजीराव मूवी की शूटिंग की जाने असली कहानी
तो दोस्तों आज के आर्टिकल में हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे भूतिया जगह के बारे में जो महाराष्ट्र में स्थिर है तो चलिए शुरू करते हैं इस जगह की दिलचस्प बात यह है कि यहां लोगों को मान्य गतिविधियों देखने को मिलती रहती है पुणे शहर में स्थिर इस प्राचीन किले का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था 1881 में मराठा साम्राज्य के उदय के बाद महल भारतीय राजनीतिक का केंद्र बन गया है
भारत एक ऐसा देश है जो काफी प्रसिद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास के लिए जाना जाता है या यहां कई खूबसूरत इमारात स्मारक है जो अपने स्थापत्य पहलुओं में बहुत ही अनोखे हैं। कुछ स्मारक ऐतिहासिक शासको के विश्राम स्थल है जबकि कुछ प्राचीन काल में महान सम्राट सम्राट के सम्मान में बनाए गए थे भारत में मौजूद स्मारकों में प्रत्येक शासक एक अच्छा योगदान देखने का मिल जाएगा एक ऐसा ही अनोखा स्मारक पुणे में शनि वाड़ा जहां दुनिया भर के लोग उन्हें देखने को आते हैं लेकिन इस जगह की दिलचस्प बातें यह है कि यहां लोगों को और सम्मान गतिविधियां देखने को मिलती रहती है पूरे शहर के मध्य में स्थिर इस प्राचीन किले का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था 1881 में मराठा साम्राज्य के उदय के बाद महल भारतीय राजनीति का केंद्र बन गया है यह महल करीब 100 साल से अधिक पुराना है यहां बताया जाता है कि बहुत सारे ऐसी घटना भी हुआ है जो एक इंसान को दिल धड़क देगी
शनिवार वाड़ा का इतिहास- Shaniwar Wada History
पेशवा बाजी राव प्रथम ने 10 जनवरी, 1730 को किले की नींव रखी थी, जिसे “शनिवार वाड़ा” का नाम दिया गया था। 1758 तक किले में हजारों की संख्या में लोग रहते थे। माधवराव, विश्वासराव और नारायणराव पेशवा बाजी राव के पुत्र पेशवा नानासाहेब के तीन पुत्र थे। पेशवा नानासाहेब ने पानीपत की तीसरी लड़ाई के दौरान अपनी जान गंवा दी और उनके पहले बच्चे माधवराव उनके उत्तराधिकारी बन गए। पानीपत की तीसरी लड़ाई ने भी विश्वासराव की जान ले ली। कुछ दिनों के बाद, माधवराव की अपने भाई की मृत्यु के कारण हुए दर्द के कारण मृत्यु हो गई। दोनों भाइयों की मृत्यु हो गई, ऐसे में युवा राजकुमार नारायणराव के राजा बनने के कयास लग रहे थे, जो उस समय केवल 16 वर्ष का था। कम उम्र के कारण, राजकुमार के चाचा रघुनाथ राव ने साम्राज्य की जिम्मेदारी ली और इस क्षेत्र पर शासन करना शुरू कर दिया।
ये है सच्चाई – Shaniwar Wada Truth
1828 में किले में आग लग चुकी थी और ये आग पूरे एक हफ्ते तक जलती रही, इस वजह से शनिवार वाड़ा अब खंडहर है। रघुनाथ राव युवा राजकुमार को पसंद नहीं करता था, एक दिन स्थानीय शिकारी जनजाति गार्डिस की मदद से रघुनाथ राव ने युवा पेशवा को मार डाला और उसके शरीर को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर पास की नदी में फेंक दिया। कई स्थानीय लोगों का कहना है कि वे कभी-कभी युवा पेशवा की चीख काका माला वछवा (चाचा मुझे बचाओ) सुनते हैं। इतिहास में रघुनाथ राव और उनकी पत्नी दोनों को राजकुमार के हत्यारों के रूप में दिखाता है।
आधुनिक दिन शनिवार वड़ा – Modern Day Shaniwar Wada
आज के समय का शनिवार वाड़ा किले की संरचना खंडहर में है, जिसके पांच दरवाजे बचे हुए हैं, जो दिल्ली दरवाजा, खिडकी दरवाजा, गणेश दरवाजा, नारायण दरवाजा और मस्तानी दरवाजा के नाम से जाने जाते हैं। शाम 6:30 बजे के बाद किले में प्रवेश सख्त वर्जित है। भी इन हिंदी आजकल शनिवारवाड़ा एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। किले के अवशेषों और इसके ऐतिहासिक महत्व के कारण यहां पर्यटक आते हैं। किले के मुख्य प्रवेश द्वार (द्वार) और किले के भीतर स्थित गेट्स (खिड़कियां, गैलरी) अभी भी आकर्षण का केंद्र हैं।
शनिवारवाड़ा का एक और प्रसिद्ध पहलू है उसका भूतिया अफसाना। ऐसा कहा जाता है कि किले में एक भूत-प्रेत का साया है, खासकर रात के समय। इसकी प्रसिद्धि में चार चाँद लगता है कि कई लोग रात के समय किले के भीतर अजीब-अजीब आवाजें और घटनाएं सुनते हैं।
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आधुनिक समय में, शनिवारवाड़ा को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का एक स्थान माना जाता है, और यहां पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम, मेलों और कला प्रदर्शनियां आयोजित की जाती हैं।
आज के समय में, शनिवारवाड़ा को एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में संरक्षित किया गया है और यह पुणे के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
ब्लॉकबस्टर मूवी की हुई है शूटिंग – Shooting in Shaniwar Wada
दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और प्रियंका चोपड़ा अभिनीत प्रसिद्ध ब्लॉकबस्टर फिल्म बाजीराव मस्तानी एक प्रसिद्ध पेशवा बाजीराव और उनकी दूसरी पत्नी मस्तानी के इतिहास पर आधारित थी। शूटिंग इसी शनिवार वाड़े में हुई है। फिल्म के बाद, स्मारक को देखने के लिए पर्यटन में वृद्धि देखने को मिली है।
शनिवारवाड़ा किला पुणे का एक ऐतिहासिक स्थल है, और यहां कई फिल्मों की शूटिंग हुई है। इसमें से एक प्रमुख फिल्म “बाजीराव मस्तानी” है, जो कि एक ब्लॉकबस्टर फिल्म थी और संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित की गई थी।
“बाजीराव मस्तानी” (2015)
यह फिल्म मराठा सम्राट बाजीराव बल्लाल और उनकी पत्नी मस्तानी की प्रेम कहानी पर आधारित है। फिल्म में रणवीर सिंह (बाजीराव), दीपिका पादुकोण (मस्तानी) और प्रियंका चोपड़ा (काशीराव) मुख्य भूमिकाओं में थे।
इस फिल्म के कुछ महत्वपूर्ण दृश्यों की शूटिंग पुणे के प्रसिद्ध शनिवारवाड़ा किले में की गई थी। फिल्म में शनिवारवाड़ा किले का प्रमुख दृश्य था, जिसमें बाजीराव और मस्तानी के बीच का रोमांटिक और युद्ध से जुड़ा हुआ दृश्य फिल्माया गया। शनिवारवाड़ा का ऐतिहासिक महत्व और किले की भव्यता को फिल्म में बेहद खूबसूरती से दिखाया गया था, जो फिल्म की शानदार विजुअल्स को और भी बेहतरीन बनाता है।
“बाजीराव मस्तानी” न केवल एक बड़ी हिट फिल्म थी, बल्कि इसे कई पुरस्कार भी मिले थे और दर्शकों ने इसके दृश्य, संगीत और अभिनय को बहुत सराहा था। शनिवारवाड़ा किले का इस फिल्म में योगदान इसे और भी खास बनाता है।
पुणे हवाई अड्डा शनिवार वाडा से 12 किमी की दूरी पर स्थित है। इस खूबसूरत महल तक पहुंचने में करीब 15 मिनट का समय लगेगा। आप हवाई अड्डे से किले तक टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या ऑटो पकड़ सकते हैं, जो इस मार्ग पर आने-जाने का सबसे अच्छा तरीका होगा।
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