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REPUBLE DAY : ऐसा था पहला गणतंत्र दिवस समारोह, रामलीला मैदान में हुआ आयोजन; जुटे थे 10 हजार लोग

Posted on January 26, 2025

 ‎REPUBLE DAY :  ऐसा था पहला गणतंत्र दिवस समारोह, रामलीला मैदान में हुआ आयोजन; जुटे थे 10 हजार लोग

Republic Day: आयोजनस्थल रामलीला मैदान देशभक्ति के तरानों से गूंज रहा था। सेना और पुलिस के बैंड ने प्रस्तुति दी थी। हजारों की संख्या में लोग माैजूद थे।
REPUBLE DAYREPUBLE DAY :

REPUBLE DAY: गणतंत्र दिवस हर भारतीय के लिए गर्व का पर्व है। देशभर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। शहर में पहले गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन आगरा किले के सामने रामलीला मैदान में हुआ था। समारोह में करीब 10 हजार लोग शामिल हुए थे। मेला और प्रदर्शनी के साथ खेलों का आयोजन हुआ। शहरभर में जुलूस निकाला गया था।

28 जनवरी, 1950 के अंक में प्रकाशित प्रथम गणतंत्र दिवस की खबर के अनुसार आगरा के रामलीला मैदान में भव्य समारोह आयोजित हुआ था। हजारों लोगों से मैदान खचाखच भरा था। देशभक्ति के नारे गूंज रहे थे। सभी ने एक स्वर होकर राष्ट्रगान का गायन किया। तिरंगे को सलामी देकर अमर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की

तत्कालीन विधायक सेठ अचल सिंह आयोजन में नेतृत्वकर्ता की भूमिका में रहे। मेले में विद्यार्थियों की देशभक्ति की थीम पर बनाए चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। भगत, भजन संध्या आदि कार्यक्रम हुए। पुष्प, पशु, कृषि व नवीन भवनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। पुलिस और सेना के बैंड ने प्रस्तुति दी। किले पर भारत माता के दृश्य की रोशनी भी प्रदर्शित की गई।

REPUBLE DAY : भव्य और विशाल था जुलूस

पूरे शहर को तिरंगे झंडों से सजाया गया था। सुबह सभी वार्डों में प्रभात फेरी निकाली गईं। फुल्लटी से जुलूस की शुरुआत हुई, जो काफी लंबा और शानदार था। एक मोटर कार पर गांधी जी की प्रतिमा लगी थी, उसके पीछे सारे लोग देशभक्ति के नारे लगाते हुए चल रहे थे। जुलूस में शहर के सभी प्रमुख नेता, समाजसेवी, व्यापारी, छात्र और हजारों नागरिक शामिल हुए थे। शहर में भ्रमण के बाद जुलूस मोतीगंज पहुंचा। जहां विशाल आमसभा आयोजित की गई।

गोविंद बल्लभ पंत ने भेजा था संदेश

तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर नगर कांग्रेस कमेटी के सभापति विभव को संदेश भेजा था। इसमें शहरवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी गई थी। सभी नागरिकों को राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों का जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करते हुए तरक्की करने का आग्रह किया गया था।

गणतंत्र देता है सरकार चुनने का अधिकार

हालांकि भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ, लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत ने खुद को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक और गणराज्य राष्ट्र घोषित किया. इस ऐतिहासिक दिन पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराकर 21 तोपों की सलामी ली थी. इसके बाद 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया और यह गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.

REPUBLE DAY : गणतंत्र दिवस का इतिहास 

हालांकि भारत ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की, लेकिन 26 जनवरी 1950 तक देश का अपना संविधान नहीं था. डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान सभा ने संविधान का निर्माण किया, जिसने सरकार अधिनियम 1935 को बदल दिया.

4 नवंबर 1948 को समिति ने संविधान का अंतिम मसौदा संविधान सभा को प्रस्तुत किया था. भारत का गणतंत्र दिवस हमारी स्वतंत्रता, विरासत और लोकतंत्र का प्रतीक है, जो हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है

दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक गणराज्य, भारत, एक गणराज्य के रूप में अपने 75 वर्ष (1950-2025) पूरे कर चुका है. हर साल की तरह इस बार भी भारत गणतंत्र दिवस का यह महापर्व पूरे उत्साह और गौरव के साथ मना रहा है. आइए, साल 2025 में कर्तव्य पथ पर होने वाली ऐतिहासिक परेड, समारोह के मुख्य अतिथि, और गणतंत्र दिवस से जुड़ी तैयारियों व खास झलकियों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

भारत के संविधान ने नागरिकों को अपनी सरकार चुनने का अधिकार दिया और लोकतंत्र का मार्ग प्रशस्त किया. डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और पांच मील लंबे मार्ग पर राष्ट्रपति भवन से इर्विन स्टेडियम तक एक ऐतिहासिक यात्रा की, जहां उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया. बता दें कि साल 2025 में भारत 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा.

REPUBLE DAY :
जनवरी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?
26 जनवरी का दिन बेहद खास होता है, क्योंकि यह दिन भारतीयों को गणतंत्र होने की याद दिलाता है। इतिहास के पन्नों में 26 जनवरी को इसलिए खास माना जाता है, क्योंकि इसी दिन भारत में लोकतंत्र की स्थापना हुई थी। भारत में हर साल दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं, जो स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गणतंत्र दिवस (26 जनवरी)।

 

REPUBLE DAY जनवरी की कहानी क्या है?

पूरे 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे थे भारत का संविधान बनाने में। आखिरकार 26 नवंबर 1949 को संविधान अपना लिया गया। लेकिन ये लागू हुआ 26 जनवरी 1950 को। 26 जनवरी की तारीख इसलिए, क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज’ की घोषणा की थीजनवरी को भाषण कैसे बोला जाता है?

आइए गणतंत्र दिवस के दिन हम संकल्प लें कि हम देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा के साथ पालन करेंगे। देश की अखंडता और एकता को बनाए रखने की दिशा में काम करेंगे। अपने साथ दूसरे के अधिकारों का भी ध्यान रखेंगे। जय हिंद-जय भारत

REPUBLE DAY जनवरी के दिन हमें क्या करना चाहिए?

ऐसे में 26 जनवरी का दिन देश की आजादी और सम्मान का दिन होता है. इस दिन को यादगार बनाने के लिए हर साल स्कूल, कॉलेज, संगठनों में तरह-तरह के आयोजन किए जाते हैं और लोग देश सेवा में योगदान करते हैं.

REPUBLE DAY जनवरी का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

कर्तव्य पथ पर परेड- गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर एक भव्य परेड आयोजित की जाती है, जिसमें सशस्त्र बल, विभिन्न राज्यों की झांकियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं। राष्ट्रीय ध्वजारोहण- इस दिन कर्तव्य पथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और 21 तोपों की सलामी दी जाती है।

REPUBLE DAY :

REPUBLE DAY जनवरी को हम लोग क्या मानते हैं?

यह भी सवाल मन में आता होगा कि हम 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान को औपचारिक (Republic Day 2025) रूप से अपनाया गया था। लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है, जो भारत के संविधान को लागू करने की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है

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