आकाश आनंद को दी चेतावनी:मायावती बदलेंगी अपना उत्तराधिकारी!
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बसपा की हार के बाद मायावती द्वारा अपने समधी डॉ. अशोक और दो अन्य नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने की घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते की गई थी, जो यह संकेत देती है कि मायावती अपनी पार्टी की दिशा और संगठन को लेकर बहुत सख्त कदम उठा रही हैं।
अब, इस ताजा घटनाक्रम और मायावती के रुख से यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या आकाश आनंद, जो पहले से ही मायावती के करीबी सहयोगी और संभावित उत्तराधिकारी माने जा रहे थे, अब उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी की भूमिका से बाहर हो सकते हैं? अगर आकाश आनंद पर भी कोई कार्रवाई होती है या यदि पार्टी के भीतर उनके साथ मतभेद होते हैं, तो यह मायावती के नेतृत्व और पार्टी के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती समाधि डॉक्टर अशोक सिद्धार्थ पर कार्रवाई के बाद अब नतीजे वह पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद पर बड़ा वार करते दिख रही है बसपा प्रमुख ने पिछले वर्ष आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था रविवार को उन्होंने सोशल मीडिया के अपने एक हैंडल पर एक के बाद एक पांच पोस्ट कर उत्तराधिकारी बदलने के संकेत दिए
मायावती ने कहा कि उनका वास्तविक उत्तराधिकारी वही होगा जो मेरी तरह हर परेशानी उठाकर काशीराम द्वारा स्थापित पार्टी वह मोमेंटो को आगे बढ़ाने के लिए की जान से लग रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव में बसपा की करारी हार के बाद 5 दिन पहले ही मायावती ने अपने समाधि आकाश के ससुर डॉक्टर अशोक और दो नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया था पार्टी विरोध मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी नहीं रहेंगे
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मायावती ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में आकाश को बड़ी जिम्मेदारी दी थी 10 सितंबर 2023 में उनका उत्तराधिकारी बनाया था लेकिन बीते साल लोकसभा चुनाव के दौरान 28 में को विवादित भाषण देने पर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज हो गया था इसके बाद 7 में को मायावती ने उन्हें अपरिपक 23 जून को मायावती ने राष्ट्रीय बैठक में आकाश को फिर से नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपना एकमात्र उत्तराधिकारी घोषित किया था
हाल में ही हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव की कमान उनको सोप गई थी चुनाव में बसपा के बेहद खराब प्रदर्शन के पीछे टिकट वितरण में मनमानी की बात सामने आई तो मायावती ने ने डॉक्टर अशोक और नीतीश सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया
अब आकाश पर ही भी होगी सख्ती!
अब आकाश पर भी सख्ती के कयास लग रहे थे, क्योंकि चुनाव की कमान उनके ही हाथों में थी। रविवार को मायावती के पोस्ट को आकाश के लिए सीधी चेतावनी के तौर पर देखे जा रहे हैं। चर्चा है के मायावती ने साफ कर दिया है कि उनके हिसाब से सही काम न करने पर उत्तराधिकार छीना भी जा सकता है और किसी दूसरे को अवसर मिल सकता है। विकल्प के तौर पर उनके दूसरे भतीजे ईशान का नाम भी लिया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जताया इरादा
मायावती ने लगातार पांच पोस्ट किए। इनमें लिखा कि देश में बाबा साहेब डा. बीआर आंबेडकर मानवतावादी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवां को सत्ता तक पहुुंचाने के लिए कांशीराम ने सबकुछ त्यागकर बसपा और उसके मूवमेंट को स्थापित किया था। जिसमें बहुजन हित सर्वोपरि है।कांशीराम की शिष्या व उत्तराधिकारी होने के नाते उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मैं भी अपनी आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देकर संघर्ष जारी रखूंगी। कांशीराम की तरह ही मेरे जीतेजी भी पार्टी व मूवमेंट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी होगा जब वह भी हमारी तरह पार्टी व मूवमेंट को हर दुख-तकलीफ उठाकर आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे। देश भर में सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी पार्टी प्रमुख के निर्देश, निर्धारित अनुशासन एवं दायित्व के प्रति जवाबदेह होकर लगातार काम करते रहना जरूरी है। अंत में उन्होंने पार्टी को जमीन स्तर पर मजबूत बनाने और सर्वसमाज में जनाधार बढ़ाने के लिए जुटने की बात कही।
मायावती ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में आकाश को बड़ी जिम्मेदारी दी थी। 10 दिसंबर 2023 में उनको उत्तराधिकारी बनाया था। लेकिन बीते साल लोकसभा चुनाव के दौरान 28 मई को विवादित भाषण देने पर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज हो गया था। इसके बाद सात मई को मायावती ने उन्हें अपरिपक्व बताकर सभी पदों से हटा दिया था। हालांकि, पिछले वर्ष 23 जून को मायावती ने राष्ट्रीय बैठक में आकाश को फिर से नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपना एकमात्र उत्तराधिकारी घोषित किया था।
दिल्ली चुनाव की सौंपी थी कमान
हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव की कमान उनको सौंपी गई थी। चुनाव में बसपा के बेहद खराब प्रदर्शन के पीछे टिकट वितरण में मनमानी की बात सामने आई तो मायावती ने डॉ. अशोक और नितिन सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
बसपा में अतर्कलह
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर रखा है। वह आकाश आनंद को पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय करने में लगी हुई थीं। पहले आकाश को महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा विधानसभा चुनाव में लगाया। फिर लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश का स्टार प्रचारक बनाते हुए मैदान में उतारा। लेकिन सीतापुर में सभा के बाद एफआईआर होते ही उनके कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया।
दिल्ली में हार के बाद समधी सहित दो नेताओं को किया निष्कासित
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बसपा की करारी हार के बाद पांच दिन पहले ही मायावती ने अपने समधी (आकाश के ससुर) डॉ. अशोक सहित दो नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। पार्टी विरोधी गतिविधियों पर यह कार्रवाई की गई थी। बसपा प्रमुख के ताजा रुख से सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या आकाश अब मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी नहीं रहेंगे?
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